आईआईएमसी के महानिदेशक ने जताया दुख कहा- ‘राष्ट्रीय भावधारा को समर्पित था उनका जीवन’
नई दिल्ली,6 मई। वयोवृद्ध पत्रकार और राष्ट्रीय भावधारा के लेखक श्री भगवतीधर वाजपेयी (96 वर्ष)
का जबलपुर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके निधन पर भारतीय जनसंचार
संस्थान(आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि युगधर्म (नागपुर-जबलपुर) के संपादक के रूप में उनकी पत्रकारिता ने
राष्ट्रीय चेतना का विस्तार किया। वे सिर्फ एक पत्रकार ही नहीं, मूल्यआधारित
पत्रकारिता और भारतीयता के प्रतीक पुरुष थे। उनका समूचा जीवन इस देश की महान
संस्कृति के प्रचार-प्रसार में समर्पित रहा।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि 1957 में
नागपुर में युगधर्म के संपादक के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने
1990 तक सक्रिय पत्रकारिता करते हुए युवा पत्रकारों की एक पूरी पौध तैयार की। उनकी
समूची पत्रकारिता में मूल्यनिष्ठा, भारतीयता, संस्कृति के प्रति अनुराग और
देशवासियों को सामाजिक और आर्थिक न्याय दिलाने की भावना दिखती है। 1952 में स्वदेश
के माध्यम से अपनी पत्रकारिता का प्रारंभ करने वाले श्री वाजपेयी का निधन एक ऐसा
शून्य रच रहा है, जिसे भर पाना कठिन है। 2006 में उन्हें मध्यप्रदेश शासन द्वारा
माणिकचन्द्र वाजपेयी राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। प्रो.द्विवेदी
ने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी एक विचार के लिए लगा दी और संघर्षपूर्ण जीवन
जीते हुए भी घुटने नहीं टेके। आपातकाल में न सिर्फ उनके अखबार पर ताला डाल दिया
गया, वरन उन्हें जेल भी भेजा गया। इसके बाद भी न तो झुके, न ही डिगे।
नमन।🙏🌻
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