चित्र परिचयः पुदुच्चेरी में ‘मीडिया विमर्श’ के
तेलुगु मीडिया विशेषांक के विमोचन के अवसर पर अतिथि संपादक डॉ. सी. जय शंकर बाबु,
प्रभात प्रकाशन के अध्यक्ष –सह प्रबंध निदेशक प्रभात कुमार,
पुदुच्चेरी की उप राज्यपाल डॉ. किरण बेदी,पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय के कुलपति
प्रो. गुरमीत सिंह, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास – भारत के प्रशिक्षण अधिकारी नरेंद्र
कुमार, हिंदी विभाग की हिंदी सहआचार्या डॉ. पद्मप्रिया दर्शित हैं ।
पुदुच्चेरी। जनसंचार के सरोकारों पर केंद्रित भोपाल
से प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका ‘मीडिया विमर्श’ के तेलुगु मीडिया विशेषांक का विमोचन
पुदुच्चेरी की उप राज्यपाल डॉ. किरण बेदी ने किया । राष्ट्रीय पुस्तक न्यास - भारत
के तत्वावधान में पांडिच्चेरी केंद्रीय विश्वविद्यालय में पुस्तक प्रकाशन
प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम के अवसर पर इस विशेषांक का विमोचन किया गया । पत्रिका के तेलुगु मीडिया विशेषांक के अतिथि
संपादक पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सी. जय शंकर बाबु हैं
।
विमोचन के अवसर पर पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय के प्रो.
गुरमीत सिंह, प्रभात प्रकाशन के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक प्रभात कुमार, राष्ट्रीय
पुस्तक न्यास – भारत के प्रशिक्षण अधिकारी नरेंद्र कुमार, विशेषांक के अतिथि
संपादक डॉ. सी. जय शंकर बाबु उपस्थित थे ।।
डेढ़ सौ पृष्टों में तेलुगु मीडिया के सभी आयामों पर हिंदी में समग्र आकलन
का यह पहला उल्लेखनीय प्रयास है ।
विशेषांक के विमोचन के अवसर पर डॉ. किरण बेदी, प्रो. गुरमीत सिंह आदि ने
पत्रिका के इस विशेषांक की मुक्तकंठ से प्रशंसा की है ।
सितंबर, 2018 के इस अंक मेंतेलुगु मीडिया के लगभग सभी
आयामों पर संदर्भ ग्रंथ सरीखे की सामग्री इसमें शामिल हैं । तेलुगु पत्रकारिता के कई विशेषज्ञों द्वारा
प्रस्तुत इतिहास, शोध आलेख, विश्लेषण-मूल्यांकन, साक्षात्कार आदि प्रकाशित हैं
। इतिहास-विकास स्तंभ के अंतर्गत तेलुगु
पत्रकारिता के ऐतिहासिक विवेचन के साथ-साथ राष्ट्रीय आंदोलन में योगदान देनेवाले पत्रों,
पत्रकारों का आकलन प्रस्तुत है । पत्रकारिता
स्तंभ के अंतर्गत उन आरंभिक पत्रकारों के योगदान का अकलन प्रस्तुत है, जिन्होंने
तेलुगु पत्रकारिता के विकास में कई रूपों में योग दिया था । तेलुगु साहित्यिक पत्रकारिता के सभी आयामों पर
विश्लेषण करनेवाले दो आलेख साहित्यिक-पत्ररकारिता के स्तंभ में प्रकाशित हैं
। तेलुगु मीडिया के विविध आयामों के
मूल्यांकन-विश्लेषण पर केंद्रित चार आलेख प्रकाशित हुए हैं । तेलुगु मीडिया के भाषा-विमर्श तीन आलेखों में
और तेलुगु मीडिया के लिए योगदान देने वाले दिग्गजों के योगदान के संबंध में
व्यक्तित्व स्तंभ के अंतर्गत आकलन प्रस्तुत हैं ।
आरंभिक द्विभाषी पत्रकार दंपूरु नरसय्या, कंदुकूरु वीरेशलिंगम पंतुलु,
पंदिरि मल्लिकार्जुन राव, ईनाडु ग्रूप के संस्थापक एवं प्रधान संपादक सी. रामोजी
राव के पत्रकारिता के क्षेत्र के लिए योगदान का विश्लेषण व्यक्तित्व स्तंभ का
आकर्षण है । साक्षात्कार स्तंभ के अंतर्गत एस.वी. सूर्यप्रकाश राव, डॉ. नगसूरि
वेणुगोपाल, प्रो. सी. मृणालिनी के साक्षात्कार शामिल हैं, जिसमें तेलुगु मीडिया के
विविध आयामों पर बेबाक टिप्पणियाँ प्रस्तुत हैं ।
तेलुगु वेब मीडिया के आकलन पर दो आलेख, तेलुगु सिनेमा के विश्लेषण पर तीन
आलेख, टेलीविजन पर केंद्रित चार आलेख, विज्ञापनों पर केंद्रित एक आलेख प्रस्तुत
हैं । इस अंक में तेलुगु मीडिया के
विशेषज्ञ विद्वान लेखकों के लेख शामिल हैं, जिनमें डॉ. दण्डिभोट्ला नागेश्वर राव,
प्रो. अन्नपूर्णा चेर्ला, रमेश बाबु दर्शि, सी. श्रीवैष्णवी, डॉ. ए.बी. साईप्रसाद,
आचार्य दार्ल वेंकटेश्वर राव, डॉ. टी. हैमावती, डॉ. सी. जय शंकर बाबु, गुडिमेट्ला
चेन्नय्या, प्रो. टी. रमश्री, डॉ. एम. पवन कुमारी, मन्नव गंगाधर प्रसाद, डॉ. जे.
आत्माराम, डॉ. आशा रानी, डॉ. श्री ज्ञानमोटे, के. शांतय्या, सी. विजयेंद्र बाबु,
राजेश्वरी केशवपंतुला, डॉ. जया सुरजानी, डॉ. पद्मप्रिया, डॉ. एस. कृष्णबाबु, गरिमा
के आलेख शामिल हैं । अटल स्मृति पर
केंद्रित संस्मरण और स्वतंत्रता दिवस के प्रसंग पर केंद्रित कार्यकारी संपादक
प्रो. संजय द्विवेदी के संपादकीय के अलावा “स्याही की एक बूंद लाखों दिमागों को हिला सकती है....” शीर्षक से अतिथि संपादक की ओर से प्रकाशित भूमिका तेलुगु मीडिया के विविध
आयामों पर संक्षिप्त आकलन में प्रस्तुत विशेषांक का संक्षिप्त परिचय और तेलुगु
भाषा की विशिष्टता पर समग्र चिंतन पर केंद्रित है।