यह उद्बोध देकर आपने बहुत अच्छा किया संजय जी! यह मेरे जैसे लोगों पर बहुत सटीक बैठता है, और अपनी मजदूरी(कर्म) के प्रति सचेत करता रहता है! धन्यवाद आपको !
संजय सर बहुत ही सुन्दर बात लिखी है। हमारा कर्म लिखना है, उसी से हमारी रोजी-रोटी चलती है। हमें अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।
यह उद्बोध देकर आपने बहुत अच्छा किया संजय जी! यह मेरे जैसे लोगों पर बहुत सटीक बैठता है, और अपनी मजदूरी(कर्म) के प्रति सचेत करता रहता है! धन्यवाद आपको !
जवाब देंहटाएंसंजय सर बहुत ही सुन्दर बात लिखी है। हमारा कर्म लिखना है, उसी से हमारी रोजी-रोटी चलती है। हमें अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।
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