हरेंद्र प्रताप देगें एकात्म मानववाद
पर व्याख्यान
भोपाल,10 फरवरी,2017। हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता को
सम्मानित किए जाने के लिए दिया जाने वाला पं. बृजलाल द्विवेदी अखिल भारतीय साहित्यिक
पत्रकारिता सम्मान इस वर्ष ‘अक्षरा’ (भोपाल) के संपादक श्री कैलाश चंद्र पंत को दिया जाएगा।
श्री कैलाश चंद्र पंत साहित्यिक
पत्रकारिता के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर होने के साथ-साथ देश के जाने-माने
संस्कृतिकर्मी एवं लेखक हैं। पिछले तीन दशक से वे साहित्य पर केंद्रित महत्वपूर्ण
पत्रिका ‘अक्षरा’ का संपादन कर रहे
हैं।
सम्मान
कार्यक्रम पं. दीनदयाल उपाध्याय के पुण्यतिथि प्रसंग पर 11, फरवरी, 2017 को गांधी भवन, भोपाल में सायं 6.00 बजे आयोजित किया
गया है। मीडिया विमर्श पत्रिका के कार्यकारी संपादक संजय द्विवेदी ने बताया कि
आयोजन में अनेक साहित्कार, बुद्धिजीवी और
पत्रकार हिस्सा लेगें। सम्मान समारोह के मुख्यअतिथि ख्यातिनाम संपादक श्री राजेंद्र शर्मा होंगे तथा अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार डा.
हिमांशु द्विवेदी करेंगे। आयोजन में पद्श्री से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार श्री
विजयदत्त श्रीधर, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव श्री कृपाशंकर शर्मा
और फिल्म अभिनेता श्री राजीव वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगें।
कार्यक्रम का संचालन संस्कृतिकर्मी श्री विनय उपाध्याय करेगें।
कार्यक्रम के
पहले सत्र में सायं चार बजे ‘एकात्म मानवदर्शन की प्रासंगिकता’ विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता एवं विचारक श्री हरेंद्र
प्रताप का व्याख्यान होगा, जिसकी अध्यक्षता माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला करेंगें।
पुरस्कार के निर्णायक मंडल में सर्वश्री विश्वनाथ सचदेव, रमेश नैयर, डा. सच्चिदानंद जोशी शामिल हैं। इसके
पूर्व यह सम्मान वीणा(इंदौर) के संपादक स्व. श्यामसुंदर व्यास, दस्तावेज(गोरखपुर)
के संपादक विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, कथादेश (दिल्ली) के संपादक हरिनारायण, अक्सर (जयपुर) के
संपादक डा. हेतु भारद्वाज, सद्भावना दर्पण (रायपुर) के संपादक गिरीश पंकज,
व्यंग्य यात्रा (दिल्ली) के संपादक डा. प्रेम जनमेजय, कला समय के संपादक विनय उपाध्याय (भोपाल) एवं संवेद के संपादक किशन
कालजयी(दिल्ली) को दिया जा चुका है। त्रैमासिक पत्रिका ‘मीडिया विमर्श’ द्वारा प्रारंभ किए
गए इस अखिलभारतीय सम्मान के तहत साहित्यिक पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण
योगदान करने वाले संपादक को ग्यारह हजार रूपए, शाल, श्रीफल, प्रतीकचिन्ह और सम्मान पत्र से अलंकृत किया जाता है।
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