tag:blogger.com,1999:blog-6865998346481992096.post4209701646997550474..comments2023-07-20T02:08:55.823-07:00Comments on संजय उवाच: राखी, मीडिया और स्वयंवरProf. Sanjay Dwivedihttp://www.blogger.com/profile/09552910632128229763noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6865998346481992096.post-62151582565238549962009-04-17T13:14:00.000-07:002009-04-17T13:14:00.000-07:00राखी प्रकरण पर आपकी पैनी नज़र ने एक नई नज़र और इज़...राखी प्रकरण पर आपकी पैनी नज़र ने एक नई नज़र और इज़ाद की है...काबिल-ए-तारीफ़ पेशकश है...सर...सचमें मीडिया आज की बोगस पीढ़ी को ज़रा में हाइट देने में अपनी खासी भूमिका निभा रहा है...शायद अभी भारत के भीतर दृश्य माध्यम अपनी 18 साल की वयस्क हो चुकी ज़िंदग़ी को स्वीकार नहीं पा रहा है...अभी भी अपने शैशवकाल से बाहर चाह कर भी नहीं निकल पा रहा...या फिर नहीं निकलना चाहता...हालांकि लेख में कहीं से भी कोई अलोचना नहीं है..पाठकों पर छोड़ते हुए खत्म मज़मून ने सारे आर्टिकल की रीढ़, बैलेंस टिप्पणी को बनाये रखा है.....शेष ग़ुस्ताख़ी के लिए मुआफ़ी....जय युवराष्ट्रBarun Sakhajee Shrivastavhttps://www.blogger.com/profile/00022356965972552575noreply@blogger.com